What is Financial Market? || वित्तीय बाज़ार क्या है? || Money Market & Capital Market || What is Primary & Secondary Market? ||
Financial Market (वित्तीय बाजार)
1. What is Financial Market?
2. Capital Market (कैपिटल मार्केट)
3. Money Market (मनी मार्केट)
4. What is Primary & Secondary Market?
What is Financial Market?
वित्तीय बाज़ार क्या है?
2. Capital Market (कैपिटल मार्केट)
3. Money Market (मनी मार्केट)
4. What is Primary & Secondary Market?
What is Financial Market?
वित्तीय बाज़ार क्या है?
बाजार एक ऐसी जगह हैं जहां वस्तुओं, सेवाओं का आदान-प्रदान होता है| ठीक इसी तरह, वित्तीय बाजार का मतलब उस जगह से है जहां bonds, equity, securities, currencies का कारोबार/व्यापार/trade होता है| वित्तीय बाज़ार दैनिक रूप से खरबों डॉलर का security business करते हैं|
वित्त बाजार वह व्यवस्था है जो लोगों को वित्तीय प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, बांड आदि), कमोडिटीज वस्तुओं (जैसे मूल्यवान धातुएँ, कृषि उत्पाद आदि) एवं अन्य सामानों के क्रय-विक्रय (व्यापार) की सुविधा देता है ताकि वे कम खर्चे पर दक्षतापूर्वक क्रय-विक्रय कर सकें। वित्तीय बाजार का प्राथमिक कार्य पूंजी के आधिक्य वाले क्षेत्रों से पूंजी की कमी वाले क्षेत्रों की ओर पूंजी का गतिशीलन सुनिश्चित करना है।
एक ऐसा बाजार है ,जहाँ पर लोग फाइनेंशियल सिक्युरिटीज ,कमोडिटीज आदि में बहुत कम ट्रांजेक्शन कॉस्ट (transaction cost) पर डिमांड और सप्लाई के अनुसार तय कीमत पर व्यापार / ट्रेड करते है। सिक्यूरिटीज में शेयर ,बॉन्ड ,करेंसी तथा कमोडिटीज में मेटल एवं कृषि उत्पाद की ट्रेडिंग होती है।
1. Regulate market – Stock market – 1 Market rate – Virtual – Online – Digital form Securities – Demat Store
2. Unregulated market – Vegetable / Petrol – Different Market rate – Physical Shop / Store
Investor/Lander - Financial Market – Borrowers Company & Government
Business/Firm – Product & Services Sell – Public - Daily Need / Household – Invest- Bank- Scheme – Direct & Indirect Tax – Govt. – Economy Development.
How To work in Financial Market:
1. Demand – Buyer – Share Price - Increase
2. Supply – Seller – Share Price – Decrease
Financial Market 2 प्रकार के होते हैं :-
1. Capital Market (कैपिटल मार्केट) - Debt Fund – Short Term up to 1 year. – Basic Need - Bank
2. Money Market (मनी मार्केट) - dept Fund – Long Term more than 1 Year. Equity & Debt – Road, Bridge, Hospital, School, Stock Market
1. Capital Market :
Capital Market वह बाजार है जिसमें आम तोर पर एक वर्ष से अधिक समय अवधि के लिए धन उपलब्ध कराया जाता हैं| Capital Market में Long Term के लिए Securities में लेनदेन की जाती हैं| Example : Bond, Stock etc.
Capital Market भी दो तरह का होता है:
a. Debt - Loan : इसमें आप डेट मार्केट से ब्याज पर रुपया उधार लेते है।
2. Money Market :
Money Market में Short Term के लिए Securities में लेनदेन की जाती हैं| इसमे Securities से भुकतान की अवधि एक वर्ष तक होती हैं|
Example : इन Securities में Call Money, Treasury Bills, Commercial Bills, Certificate of Deposits, Commercial Paper etc.
Type of Capital Market:
What is Primary & Secondary Market?
प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर मार्केट का क्या मतलब है?
Regulators – SEBI, RBI
Stock Exchange – BSE, NSE, MCX, NCDEX
Members- Stock Broker, Brokerage Firms – Demat & Trading Account, Research, Repots, Help Investor
Depository – NSDL / CDSL
Clearing Agency/Corporation –
Credit Rating Agency – CRA – Provide Rating in Company,
Investment Advisory –
KRA – Avoid Duplicate KYC, Record Securities, IPV
Investor – Individual, Public, MF, FII, DII.
Business/Firm – Product & Services Sell – Public - Daily Need / Household – Invest- Bank- Scheme – Direct & Indirect Tax – Govt. – Economy Development.
How To work in Financial Market:
1. Demand – Buyer – Share Price - Increase
2. Supply – Seller – Share Price – Decrease
1. Capital Market (कैपिटल मार्केट) - Debt Fund – Short Term up to 1 year. – Basic Need - Bank
2. Money Market (मनी मार्केट) - dept Fund – Long Term more than 1 Year. Equity & Debt – Road, Bridge, Hospital, School, Stock Market
1. Capital Market :
Capital Market वह बाजार है जिसमें आम तोर पर एक वर्ष से अधिक समय अवधि के लिए धन उपलब्ध कराया जाता हैं| Capital Market में Long Term के लिए Securities में लेनदेन की जाती हैं| Example : Bond, Stock etc.
Capital Market भी दो तरह का होता है:
a. Debt - Loan : इसमें आप डेट मार्केट से ब्याज पर रुपया उधार लेते है।
b. Equity - Ownership : इसमें आप Equity Market से अपनी कम्पनी की हिस्सेदारी यानि ownership बेच कर रुपया लेते है। इसके लिए आपको शेयर बाजार जाना पड़ेगा।
2. Money Market :
Money Market में Short Term के लिए Securities में लेनदेन की जाती हैं| इसमे Securities से भुकतान की अवधि एक वर्ष तक होती हैं|
Example : इन Securities में Call Money, Treasury Bills, Commercial Bills, Certificate of Deposits, Commercial Paper etc.
Type of Capital Market:
What is Primary & Secondary Market?
प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर मार्केट का क्या मतलब है?
1. Primary Market – 1st Time Borrow Money – Public - IPO
2. Secondary Market – 2nd Time – Trading – Stock Market
1. Primary Market:
जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक एक्सचेंज के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर निवेशकों से रकम जुटाती है तो उसे IPO पेश करना पड़ता है. इसे प्राइमरी मार्केट कहते है| इसके लिए कंपनियों को एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है| इसके बाद शेयर आम जनता के खरीदने के लिए उपलब्ध हो जाते हैं| स्टॉक एक्सचेंज (BSE, NSE आदि) पर लिस्ट होकर कंपनियां प्राइमरी मार्केट के जरिये निवेशकों तक पहुंच बनाती हैं| अगर कोई कंपनी IPO लाना चाहती है तो उसे अपने वित्त, प्रमोटर, कारोबार, शेयरों की संख्या, उसकी कीमत आदि के बारे में जानकारी देनी होती है|
Example : Public IPO & FPO, Private Placement, Right Issue.
2. Secondary Market:
इस Market में किसी Listed Company के शेयरों की खरीद-बिक्री होती है| इस बाजार में किसी व्यक्ति के पास मौजूद शेयर बाजार भाव पर कोई दूसरा व्यक्ति रियल टाइम में खरीदता or बेचता है| आमतौर पर यह खरीद-बिक्री किसी ब्रोकर के जरिये होती है| सेकेंडरी शेयर मार्केट के जरिये ही किसी निवेशक को यह सुविधा मिल पाती है कि वह अपने शेयर किसी और व्यक्ति को बेचकर बाजार से बाहर निकल सकता है| एक बार किसी कंपनी के शेयर खरीदते ही आप उसके हिस्सेदार बन जाते हैं| इसके बाद उसके मुनाफे में भी आपकी हिस्सेदारी होती है, जिसे डिविडेंड या लाभांश कहते हैं|
Example : Share market Intraday, Mid Term, Long Term trading.
2. Secondary Market – 2nd Time – Trading – Stock Market
1. Primary Market:
जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक एक्सचेंज के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर निवेशकों से रकम जुटाती है तो उसे IPO पेश करना पड़ता है. इसे प्राइमरी मार्केट कहते है| इसके लिए कंपनियों को एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है| इसके बाद शेयर आम जनता के खरीदने के लिए उपलब्ध हो जाते हैं| स्टॉक एक्सचेंज (BSE, NSE आदि) पर लिस्ट होकर कंपनियां प्राइमरी मार्केट के जरिये निवेशकों तक पहुंच बनाती हैं| अगर कोई कंपनी IPO लाना चाहती है तो उसे अपने वित्त, प्रमोटर, कारोबार, शेयरों की संख्या, उसकी कीमत आदि के बारे में जानकारी देनी होती है|
Example : Public IPO & FPO, Private Placement, Right Issue.
2. Secondary Market:
इस Market में किसी Listed Company के शेयरों की खरीद-बिक्री होती है| इस बाजार में किसी व्यक्ति के पास मौजूद शेयर बाजार भाव पर कोई दूसरा व्यक्ति रियल टाइम में खरीदता or बेचता है| आमतौर पर यह खरीद-बिक्री किसी ब्रोकर के जरिये होती है| सेकेंडरी शेयर मार्केट के जरिये ही किसी निवेशक को यह सुविधा मिल पाती है कि वह अपने शेयर किसी और व्यक्ति को बेचकर बाजार से बाहर निकल सकता है| एक बार किसी कंपनी के शेयर खरीदते ही आप उसके हिस्सेदार बन जाते हैं| इसके बाद उसके मुनाफे में भी आपकी हिस्सेदारी होती है, जिसे डिविडेंड या लाभांश कहते हैं|
Example : Share market Intraday, Mid Term, Long Term trading.
Why Need Financial market?
1. Govt. – Help-Borrowing Required, Tax Collection, Boost Economy.
2. Issuing Companies – Growth, Development & Management – Market Fund Borrow
3. Investors – Future Price Discourse – investment – Good Return
4. Economy - Financial Market are Benchmark of Economy. Need- Channeling Recourse-New Project.
Financial market product & Market Entities: -
Type of Instruments – Equity, Hybrid, Debt
Example : - Govt. issue treasury bills, Govt. Securities, Convertible Debentures, Commercial Paper, Certificate of Deposit, Public issue, Equity share, Venture Capital funds, FII.
Financial market Institute / Intermediaries body /Agency / Exchange / Regulators:
1. Govt. – Help-Borrowing Required, Tax Collection, Boost Economy.
2. Issuing Companies – Growth, Development & Management – Market Fund Borrow
3. Investors – Future Price Discourse – investment – Good Return
4. Economy - Financial Market are Benchmark of Economy. Need- Channeling Recourse-New Project.
Type of Instruments – Equity, Hybrid, Debt
Example : - Govt. issue treasury bills, Govt. Securities, Convertible Debentures, Commercial Paper, Certificate of Deposit, Public issue, Equity share, Venture Capital funds, FII.
Regulators – SEBI, RBI
Stock Exchange – BSE, NSE, MCX, NCDEX
Members- Stock Broker, Brokerage Firms – Demat & Trading Account, Research, Repots, Help Investor
Depository – NSDL / CDSL
Clearing Agency/Corporation –
Credit Rating Agency – CRA – Provide Rating in Company,
Investment Advisory –
KRA – Avoid Duplicate KYC, Record Securities, IPV
Investor – Individual, Public, MF, FII, DII.
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How can you start investing in the stock market?
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
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