Option Trading in Hindi
How to do option trading in stock market
शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें
ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार से एक ऐसा अनुबंध या कहें कॉन्ट्रेक्ट है जो एक खरीदार और एक विक्रेता के बीच होता है| इसमें खरीदार को कुछ प्रीमियम का भुगतान करके एक निश्चित तिथि पर किसी स्टाइक प्राइस पर प्रतिभूतियों को खरीद और बेच सकते है| ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट ऑप्शन खरीदे या बेचे जाते हैं|
ऑप्शन ट्रेडिंग उदाहरण सहित क्या है?
उदाहरण के लिए, मान लें कि आप Nifty के 100 शेयरों के लिए 50 रुपयें प्रति शेयर पर कॉल ऑप्शन खरीदते हैं। ऑप्शंस की समाप्ति तिथि से पहले, स्टॉक की कीमत बढकर 75 प्रति शेयर हो जाती है। यदि आप अपने ऑप्शन का प्रयोग करना चुनते हैं, तब भी आप स्टॉक के 100 शेयरों को 75 प्रति शेयर की उच्च कीमत पर बेच सकते हैं।
क्या ऑप्शन खरीदना लाभदायक है?
ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)। ऑप्शन को बेचने वाले का रिस्क असीमित होता है और उसको होने वाला मुनाफा सीमित (जितना उसको प्रीमियम मिला है)। ज्यादातर ट्रेडर ऑप्शन में ट्रेड केवल प्रीमियम में बदलाव से मुनाफा कमाने के लिए करते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में लाभ कैसे होता है?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
कभी भी विकल्प ट्रेडिंग दो तरीके से की जाती है। एक होता कॉल ऑप्शन और एक पुट ऑप्शन ये दो तरीके से स्टॉक पर या इंडेक्स पर ट्रेड किया जाता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है? जब कोई निवेशक या व्यापारी विकल्प खरीदता है या बेचता है, तो उन्हें समाप्ति की तिथि से पहले किसी भी बिंदु पर उस विकल्प को लागू करने का अधिकार होता है। बस किसी विकल्प को खरीदने या बेचने के लिए किसी को वास्तव में समाप्ति बिंदु पर इसका उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें?
कमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग खराब क्यों है?
बहुत से व्यापारी विकल्पों के मूल्य पहलू को देखते हैं न कि विकल्पों की अस्थिरता को। हालाँकि, विकल्प असममित (सीमित हानि और असीमित लाभ) हैं जिसके कारण अस्थिरता बहुत मायने रखती है। उदाहरण के लिए, जब स्टॉक की कीमत बढ़ती है, तो कॉल ऑप्शन को फायदा होता है और पुट ऑप्शन को प्रीमियम का नुकसान होता है।
Nifty Price Action Strategy for Low Capital and High Profit Trading Guide
सपोर्ट के ऊपर अगर 15 मिनट की कैंडल क्लोज होती है , तो कॉल साइड एंट्री ले सकते है | आपका पहला टारगेट अगला रेसिस्टेन्स होना चाहिए और अगर जिस कैंडल पर ट्रेड लिया है उसके low के निचे अगली कोई भी कैंडल क्लोज होती है तो ट्रेड से Exit करे |
रेसिस्टेन्स के निचे अगर 15 मिनट की कैंडल क्लोज होती है ,ट्रेड में एंट्री करे आपका पहला टारगेट अगला सपोर्ट होना चाहिए और अगर जिस कैंडल पर ट्रेड लिया है उसके ऊपर अगली कोई भी कैंडल क्लोज होती है तो ट्रेड से Exit करे |
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए इन चरणों का पालन करें:
1. बुनियादी जानकारी प्राप्त करें: विकल्प ट्रेडिंग की बुनियादी अवधारणाओं को समझने के लिए, पहले मूल बातें सीखना बेहतर है, कॉल और पुट विकल्प क्या हैं और उनका उपयोग कैसे किया जाता है।
2. संदर्भित करने का प्रयास करें: आपके पास मौजूद विभिन्न स्रोतों, जैसे ऑनलाइन लेख, वीडियो ट्यूटोरियल और पुस्तकों का संदर्भ लेकर विकल्प ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानें।
3. डेमो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: आपके पास विभिन्न डेमो ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म तक पहुंच हो सकती है जिसका उपयोग आप वास्तविक धन का निवेश किए बिना विकल्प ट्रेडिंग का अभ्यास करने के लिए कर सकते हैं।
4. विकल्प श्रृंखला को समझें: विकल्प ट्रेडिंग में विकल्प श्रृंखला की समझ महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपको कॉल और पुट विकल्पों के विभिन्न स्तरों के अस्तित्व का पता लगाने में मदद करती है।
5. एक ट्रेडिंग रणनीति विकसित करें: एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति विकसित करना महत्वपूर्ण है। आपकी रणनीति कितनी धीमी या गतिशील है यह आपकी विचारधारा और मार्केटिंग क्षमता पर निर्भर करता है।
6. जोखिम प्रबंधन का ध्यान रखें: ऑप्शन ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केवल उतना ही पैसा निवेश करें जितना आप खोने के लिए तैयार हों, और अधिकतम नुकसान की सीमा निर्धारित करें।
7. व्यावसायिक आवश्यकताओं को समझें: आपको अपने क्षेत्र की वाणिज्यिक और कानूनी आवश्यकताओं, जैसे कर और निवेश संबंधी कानूनों की भी समझ होनी चाहिए।
8. विशेषज्ञ की सलाह लें: यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग को गहराई से सीखना चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना भी उपयोगी हो सकता है। किसी वित्तीय सलाहकार या ट्रेडिंग गुरु से मिलकर अधिक जानकारी प्राप्त करें।
ध्यान दें कि विकल्प ट्रेडिंग एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र हो सकता है और आपको इसे पहले सीखने के बाद ही वास्तविक ट्रेडिंग में शामिल होना चाहिए।
ऑप्शन ट्रेडिंग कि बेहतरीन ट्रिक : यदि मैं आंकड़े पर गौर करूँ तो ऑप्शन ट्रेड काफी लोकप्रिय है। इसके कुछ कारण हैं: जैसे कम पैसे में सिर्फ प्रीमियम चुकता करके ज्यादे संख्या में शेयर खरीद पाना। या फिर यूं कहें कि कम पैसे लगाकर ज्यादे मुनाफा देना। लेकिन इसके दूसरे पहलू भी हैं जिसपर अमूनन लोग गौर नहीं कर पाते हैं। जैसे कम पैसे में तो हम ज्यादे शेयर खरीद लेते हैं लेकिन कुछ पॉइंट्स की नेगेटिव मूवमेंट ही हमें शेयर की संख्या और नेगेटिव पॉइंट्स के गुणक के बराबर हमें नुकसान भी पहुंचता है।
रिस्क और रिवॉर्ड दोनों ही बाजार का हिस्सा है। यदि देखें तो सामान्यतः सभी सेग्मेंट्स में जोखिम का अनुपात समान ही होता है।
यदि देखें तो टेक्निकल एनालिसिस मूलतः सभी सेग्मेंट्स के लिए समान ही होता है। यदि कुछ चीजों में बदलाव हो तो वह प्राइस एक्शन है। जिसे आप मूल्य व्यवहार भी कह सकते हैं। एक बेहतर निवेश के लिए प्राइस एक्शन का होना बेहद जरूरी है। मैं प्राइस एक्शन कि बात इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि सभी निवेशक का व्यक्तिगत व्यवहार अलग होता है।
जैसे: एक व्यक्ति जिसके पास लाख रुपये हैं और वह उस लाख रुपये पर पूरी तरह जोखिम ले सकता है। वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति है जिसके पास भी लाख रुपये हैं लेकिन वह उन सभी रुपये पर पूरी तरह जोखिम नहीं लेना चाहता है।
अब ऐसे कंडीशन में पहला व्यक्ति बहुत ज्यादे वोलैटिलिटी में भी ट्रेड लेना पसंद करेगा तो वही दूसरी ओर दूसरा व्यक्ति कम वोलैटिलिटी को पसंद करेगा।
ऑप्शन में स्टॉक या इंडेक्स की वोलैटिलिटी को आप निम्नलिखित प्रकार से समझ कर यदि ट्रेड लेंगे तो बाजार में लंबी अवधि तक बने रहकर कमा सकते हैं।
1) यदि किसी स्टॉक का मूल्य नीचे जा रहा हो और साथ मे उसका फ्यूचर ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा हो तो ऐसे स्टॉक को ऑप्शन में शार्ट करना बेहतर है। याद रखें कि ऐसे स्टॉक में वोलैटिलिटी ज्यादे रहता है।
(कॉन्फॉर्मेशन के लिए उस स्टॉक के कॉल और पुट का ओपन इंटरेस्ट जरूर देखें। यदि कॉल का ओपन इंटरेस्ट आपको बढ़ता हुआ और पुट का ओपन इंटरेस्ट घटता हुआ मिल रहा है तो आप ट्रेड ले सकते हैं।)
2) यदि किसी स्टॉक का मूल्य नीचे जा रहा हो और साथ मे उसका फ्यूचर ओपन इंटरेस्ट घट रहा हो तो ऐसे स्टॉक को ऑप्शन में शार्ट करना बेहतर है। याद रखें कि ऐसे स्टॉक में वोलैटिलिटी कम रहता है।
(कॉन्फॉर्मेशन के लिए उस स्टॉक के कॉल और पुट का ओपन इंटरेस्ट जरूर देखें। यदि कॉल का ओपन इंटरेस्ट आपको बढ़ता हुआ और पुट का ओपन इंटरेस्ट घटता हुआ मिल रहा है तो आप ट्रेड ले सकते हैं।)
3) यदि किसी स्टॉक का मूल्य ऊपर जा रहा हो और साथ मे उसका फ्यूचर ओपन इंटरेस्ट घट रहा हो तो ऐसे स्टॉक को ऑप्शन में खरीद करना बेहतर है। याद रखें कि ऐसे स्टॉक में वोलैटिलिटी कम रहता है।
(कॉन्फॉर्मेशन के लिए उस स्टॉक के कॉल और पुट का ओपन इंटरेस्ट जरूर देखें। यदि कॉल का ओपन इंटरेस्ट आपको घटता हुआ और पुट का ओपन इंटरेस्ट बढ़ता हुआ मिल रहा है तो आप ट्रेड ले सकते हैं।)
4) यदि किसी स्टॉक का मूल्य ऊपर जा रहा हो और साथ मे उसका फ्यूचर ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा हो तो ऐसे स्टॉक को ऑप्शन में खरीद करना बेहतर है। याद रखें कि ऐसे स्टॉक में वोलैटिलिटी ज्यादे रहता है।
(कॉन्फॉर्मेशन के लिए उस स्टॉक के कॉल और पुट का ओपन इंटरेस्ट जरूर देखें। यदि कॉल का ओपन इंटरेस्ट आपको घटता हुआ और पुट का ओपन इंटरेस्ट बढ़ता हुआ मिल रहा है तो आप ट्रेड ले सकते हैं।)
मैंने दोनों ही प्रकार के निवेशक(वोलैटिलिटी पसंद और कम वोलैटिलिटी ट्रेडर) के अनुसार प्राइस एक्शन पहलुओं को आपके साथ साझा किया है। इस प्राइस एक्शन रणनीति को ध्यान में रखकर यदि आप ट्रेड लेंगे तो मुनाफा अच्छा होगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको ऑप्शन चेन डेटा, मार्केट रिसर्च, स्ट्राइक प्राइस, पुट कॉल रेश्यो, ट्रेंड एनालिसिस आदि चीजों को समझना पड़ता है। साथ ही आप अलग-अलग ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटजी सीखकर अपने नुकसान को प्रॉफिट में बदल सकते हैं।
अगर आप भी ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह चुनना होगा कि आप किस इंस्ट्रूमेंट में ट्रेड करेंगे– Nifty, Banknifty या stock option में।
Option trading for beginners in hindi–अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में beginner हैं तो आप Nifty या Banknifty से शुरुआत कर सकते हैं। फिर चाहे तो आप स्टॉक ऑप्शंस की तरफ बढ़ सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट आपकी मदद करेंगे–
1. ऑप्शन ट्रेडिंग के basics सीखो
जो बाद में आपको सिर्फ ऑप्शन ट्रेडिंग के basics पर फोकस करना चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग में जितनी भी चीजें होती है उन सभी को एक-एक करके सीखना शुरू कर दीजिए। धीरे – धीरे आप देखेंगे कि आपको बहुत सारी चीजें पता नहीं थी और आप अन्य नए लोगों से आगे बढ़ते जाएंगे।
ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान होने की सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों के basic rules ही पता नहीं होता और सीधा ऑप्शन ट्रेडिंग करने लगते हैं।
2. ऑप्शन ट्रेडिंग की books पढ़ें
अगर हो सके तो ऑप्शन ट्रेडिंग की बुक्स पढ़ने की कोशिश करें। मैं जानता हूं कि यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन यही चीज आपको अन्य लोगों से काफी आगे ले जाएगी। जो आप एक्सपर्ट के द्वारा लिखी गई बुक्स पड़ेंगे तो आपको काफी सारी चीजें सीखने को मिलेंगी कि आखिर एक ऑप्शन ट्रेडर को किन-किन चीजों से होकर गुजरना पड़ता है।
3. यूट्यूब पर ऑप्शन ट्रेडिंग की वीडियोस देखें
आजकल के जमाने में कुछ भी सीखने के लिए यूट्यूब से बेहतर विकल्प कोई और नहीं है। यूट्यूब पर काफी सारे चैनल से हैं जो आपको बहुत अच्छे से ग्रुप से जुड़े फ्री में सिखा सकते हैं। जितना हो सके ऑप्शन ट्रेडिंग की वीडियोस देखने की कोशिश करें। शुरू हो सकता है कि आपको कुछ चीजें समझ ना आए लेकिन धीरे-धीरे आपको सब समझ आने लगेगा।
4. पेपर ट्रेडिंग की लगातार प्रैक्टिस करके सीखें
Option trading की वीडियोस देखने के बाद आपको उसमें बताई गई चीजों को implement भी करना चाहिए मतलब सिर्फ ऑप्शन ट्रेडिंग की वीडियोस देखना काफी नहीं है बल्कि आपको खुद लाइव चार्ट पर practice करनी होगी। आप चाहे तो शुरुआत में असली ट्रेडिंग की बजाए पेपर ट्रेडिंग भी कर सकते हैं मतलब जिस भी भाव पर आप शेयर खरीदना चाहे उसे किसी पेपर पर लिख लीजिए।
आप उस शेयर को लगातार ट्रैक करते रहिए अगर आपके अनुमान के अनुसार आपका शेयर बढ़ता है और आपको profit होता है तो पेपर पर इसे लिख लीजिए और चेक कीजिए कि आपको कितनी ट्रेड में कितनी बार प्रॉफिट हुआ है।
जब आपको पेपर पर 10 ट्रेड में से 7 बार प्रॉफिट होने लगे आप रियल स्टॉक मार्केट में option ट्रेड कर सकते हैं इस प्रकार आपका जोखिम (Risk) बहुत कम हो जाता है।
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अस्वीकरण (Disclaimer): प्रिय पाठकों, हमारी वेबसाइट/ब्लॉग पर दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक (Educational) उद्देश्य के लिए प्रदान की गई है, इसका उद्देश्य पाठकों को विषय से संबंधित सामान्य जानकारी देना है। कृपया इस ब्लॉग की जानकारी का उपयोग, कोई भी वित्तीय, कानूनी या अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार की हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। धन्यवाद।
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