Easy Claim की Services List

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🏛️ Easy Claim – The Legal Consultant

"ईज़ी क्लेम द लीगल कंसल्टेंट में आपका स्वागत है"

🔹 अब अपने कानूनी और वित्तीय मामलों के लिए विशेषज्ञ सलाह लें — निःशुल्क प्रारंभिक परामर्श उपलब्ध!

👨‍⚖️ संस्थापक: डॉ. आनंद कुमार अग्रवाल (Ph.D., LL.B.)
15 वर्षों से अधिक का अनुभव | वित्तीय एवं कानूनी सेवाओं के विशेषज्ञ

डॉ. अग्रवाल ने अपने करियर में हजारों ग्राहकों को उनके भूले-बिसरे, डूबे हुए या रिजेक्टेड निवेश और बीमा क्लेम वापस दिलाने में सफल सहयोग प्रदान किया है।
उनकी विशेषज्ञता में शामिल हैं:

  • अटके हुए निवेश की वसूली

  • बीमा क्लेम (स्वास्थ्य, जीवन, दुर्घटना, ग्रुप इंश्योरेंस)

  • म्यूचुअल फंड, FD, NSC, KVP रिकवरी

  • IEPF एवं शेयर-डिबेंचर क्लेम

  • उपभोक्ता एवं वित्तीय विवाद समाधान


1. शेयर और डिबेंचर की वसूली

भारत में कई निवेशक ऐसे हैं जिनके पास पुराने शेयर सर्टिफिकेट, डिबेंचर या अन्य सिक्योरिटीज़ हैं जो आज भी बिना क्लेम किए पड़े हैं। समय के साथ ये कटे-फटे, गुम, अधूरे, या नॉन-फिजिकल (Demat में कन्वर्ट न हुए) रह जाते हैं। अक्सर इनकी वैल्यू काफी बढ़ चुकी होती है, लेकिन दस्तावेज़ों की कमी, नाम/हस्ताक्षर की गलती, या कंपनी के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी समस्याओं के कारण निवेशक या उनके परिवार इन्हें क्लेम नहीं कर पाते।

हम Easy Claim The Legal Consultant इन जटिल प्रक्रियाओं को आसान बनाकर आपको आपके वैध निवेश वापस दिलाने में मदद करते हैं।


आम समस्याएँ जिनका सामना निवेशक करते हैं

  1. गुम या क्षतिग्रस्त शेयर सर्टिफिकेट – पुराने पेपर फॉर्मेट के शेयर समय के साथ खराब हो जाते हैं या खो जाते हैं।

  2. अपूर्ण दस्तावेज़ – कई बार शेयर/डिबेंचर बिना ट्रांसफर डीड, इंडेम्निटी बॉन्ड, या सिग्नेचर वेरीफिकेशन के रह जाते हैं।

  3. नाम/हस्ताक्षर में भिन्नता – शादी के बाद नाम बदलना, स्पेलिंग मिस्टेक, या अलग-अलग सिग्नेचर से क्लेम रुक जाता है।

  4. मृत निवेशक के शेयर – यदि शेयर होल्डर अब जीवित नहीं हैं, तो उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate), वसीयत या लीगल हीरशिप डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।

  5. नॉन-फिजिकल से डिमैट में कन्वर्ज़न – SEBI नियमों के अनुसार अब सभी ट्रांजेक्शन Demat में होते हैं, इसलिए पुराने फिजिकल शेयर को डीमैट करना अनिवार्य है।

  6. अनपेड डिविडेंड और IEPF ट्रांसफर – 7 साल तक क्लेम न होने पर डिविडेंड और शेयर IEPF (Investor Education & Protection Fund) में ट्रांसफर हो जाते हैं।


हमारी सेवाएँ – हम कैसे मदद करते हैं?

  • Lost/Destroyed Shares: गुम या क्षतिग्रस्त सर्टिफिकेट्स के डुप्लिकेट जारी करवाने की प्रक्रिया।

  • Transfer & Transmission: शेयर का नाम बदलना (Transfer) और मृत्यु उपरांत कानूनी उत्तराधिकारी को ट्रांसफर करना (Transmission)।

  • Signature/Name Correction: दस्तावेज़ों में नाम, पते, हस्ताक्षर या अन्य त्रुटियों का सुधार।

  • Dematerialization Assistance: पुराने शेयर/डिबेंचर को Demat खाते में कन्वर्ट कराने में सहायता।

  • Dividend Recovery: पुराने या अनपेड डिविडेंड की रिकवरी और संबंधित कंपनी से क्लेम।

  • IEPF Recovery: IEPF में ट्रांसफर हुए शेयर/डिविडेंड की रिकवरी हेतु आवेदन और कानूनी प्रक्रिया।

  • Corporate Bonds & Debentures: कॉरपोरेट/बैंक डिबेंचर और बॉन्ड की परिपक्व राशि (Maturity Value) की वसूली।

  • Legal Documentation: उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, वसीयत, इंडेम्निटी बॉन्ड और अन्य आवश्यक कानूनी दस्तावेज़ तैयार करवाना।


क्यों ज़रूरी है शेयर और डिबेंचर रिकवरी?

  • आर्थिक लाभ – कई बार ये पुराने शेयर आज लाखों-करोड़ों की वैल्यू रखते हैं।

  • परिवार का अधिकार – दिवंगत निवेशकों के परिवार को उनका उचित हक़ दिलाना।

  • लीगल अनुपालन – डिमैट में कन्वर्ज़न करके निवेश सुरक्षित करना।

  • गैर-कानूनी कब्ज़ा रोकना – गलत ट्रांसफर या धोखाधड़ी से बचाव।


👉 Easy Claim आपके लिए पुराने, गुम, अधूरे और रिजेक्टेड शेयर/डिबेंचर की रिकवरी को आसान बनाता है। हमारी विशेषज्ञ टीम आपको दस्तावेज़ तैयार करने से लेकर कंपनी/IEPF अथॉरिटी तक पूरी प्रक्रिया में सहयोग देती है।


📑 2. अनपेड डिविडेंड क्लेम – विस्तृत जानकारी

कई बार निवेशकों को उनके शेयरों पर मिलने वाला डिविडेंड वर्षों तक नहीं मिल पाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं — जैसे कि पता बदल जाना, बैंक खाता बंद होना, नाम या हस्ताक्षर में त्रुटि, डिविडेंड वारंट खो जाना, या निवेशक के निधन के बाद उत्तराधिकारियों को जानकारी न होना। ऐसी स्थिति में निवेशकों या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों का पैसा कंपनियों और अंततः IEPF (Investor Education and Protection Fund) में अटक जाता है।

Easy Claim The Legal Consultant इस समस्या का सम्पूर्ण समाधान प्रदान करता है।


✨ अनपेड डिविडेंड क्लेम की प्रक्रिया

  1. पुराने रिकॉर्ड की खोज (Tracing Records):
    कंपनी, RTA (Registrar & Transfer Agent) और बैंकिंग रिकॉर्ड्स के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि कितना डिविडेंड रुका हुआ है और किस वर्ष से पेंडिंग है।

  2. दस्तावेज़ों की जाँच और सुधार:

    • पुराने शेयर सर्टिफिकेट

    • डीमैट अकाउंट से जुड़ी जानकारी

    • निवेशक का KYC

    • बैंक खाते की डिटेल्स

    • उत्तराधिकारियों के मामले में मृत्यु प्रमाणपत्र, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, या वसीयत

  3. कंपनी/RTAs के साथ क्लेम प्रोसेस:

    • सही दस्तावेज़ जमा कराना

    • बैंकिंग विवरण अपडेट करना

    • डिविडेंड वारंट का री-इश्यू कराना

  4. IEPF रिकवरी (यदि डिविडेंड IEPF में ट्रांसफर हो चुका हो):

    • IEPF-5 फॉर्म भरना

    • Nodal Officer से वेरिफिकेशन

    • Ministry of Corporate Affairs (MCA) के माध्यम से क्लेम प्रोसेस पूरा करना


✅ Easy Claim की विशेषताएँ

  • 15+ वर्षों का अनुभव डिविडेंड और निवेश रिकवरी में

  • विशेषज्ञ टीम जो कानूनी और वित्तीय दोनों पहलुओं को संभालती है

  • “No Work – No Pay” नीति (काम पूरा होने से पहले कोई शुल्क नहीं)

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध

  • गोपनीय और पारदर्शी प्रक्रिया


👉 संक्षेप में:
यदि आपका या आपके परिवार का डिविडेंड वर्षों से रुका हुआ है, तो Easy Claim The Legal Consultant उसे खोजकर सही कानूनी प्रक्रिया के तहत आपको दिलवाने में मदद करता है। चाहे मामला सरल हो या IEPF से जुड़ा हुआ – हमारे पास उसका समाधान है।


📑 3. म्युचुअल फंड रिकवरी – विस्तृत जानकारी

निवेशकों द्वारा समय-समय पर विभिन्न AMC (Asset Management Companies) जैसे UTI, SBI, HDFC, ICICI, Axis आदि में म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है। लेकिन कई बार यह निवेश भूल जाते हैं, अधूरे दस्तावेज़ों के कारण फंस जाते हैं, या निवेशक के निधन के बाद उत्तराधिकारियों तक जानकारी नहीं पहुँच पाती। नतीजतन, वर्षों तक वह पैसा अटका रह जाता है।

Easy Claim The Legal Consultant आपकी इन समस्याओं का समाधान करता है और भूले-बिसरे या रुके हुए म्यूचुअल फंड निवेश को वापस दिलाने में मदद करता है।


✨ म्यूचुअल फंड रिकवरी की सामान्य समस्याएँ

  • निवेशक ने समय पर Redemption / Switch / Transfer नहीं कराया

  • निवेश के दस्तावेज़ खो गए

  • KYC अधूरा या गलत (पता, हस्ताक्षर, नाम में गलती)

  • बैंक अकाउंट बंद हो गया या बदला गया

  • डिविडेंड या Redemption की रकम नहीं मिली

  • निवेशक का निधन हो गया और Nominee / Legal Heir को Claim प्रोसेस की जानकारी नहीं है


🔎 म्यूचुअल फंड रिकवरी की प्रक्रिया

  1. पुराने निवेश की खोज (Tracing Lost Investments):
    PAN, Aadhaar, Email-ID, Bank Account या Investor Name से AMC और CAMS/KFinTech की मदद से पुराने निवेश की जानकारी प्राप्त की जाती है।

  2. KYC और दस्तावेज़ सुधार:

    • सही KYC अपडेट

    • बैंक अकाउंट डिटेल्स सुधार

    • Signature/Name Correction

    • Nominee Update

  3. क्लेम प्रक्रिया:

    • निवेशक जीवित होने पर सीधे Redemption/Transfer कराया जाता है।

    • मृत्यु के मामले में:

      • Death Certificate

      • Succession Certificate / Legal Heirship Proof / Will

      • Nominee Details
        जमा कराके राशि क्लेम कराई जाती है।

  4. UTI और अन्य पुराने फंड्स की रिकवरी:
    विशेष रूप से UTI और 1990s–2000s के समय के पुराने AMC निवेश, जिन्हें लोग भूल चुके हैं, उनकी खोज और क्लेम प्रोसेस Easy Claim करवाता है।


✅ Easy Claim की विशेषताएँ

  • 15+ वर्षों का अनुभव म्यूचुअल फंड एवं निवेश रिकवरी में

  • PAN व AMC आधारित एडवांस सर्च सुविधा

  • सरल और पारदर्शी क्लेम प्रोसेस

  • No Work – No Pay पॉलिसी (पहले कोई शुल्क नहीं)

  • देशभर में सेवा उपलब्ध


👉 संक्षेप में:
यदि आपके या आपके परिवार के पुराने म्यूचुअल फंड निवेश (UTI सहित) भूल गए हों, दस्तावेज़ गुम गए हों, या नाम/नॉमिनी समस्या के कारण फंसे हों, तो Easy Claim आपकी मदद से उन्हें ट्रेस करके वापस दिलवाता है।


🛡️ 4. बीमा क्लेम सहायता (Insurance Claim Assistance)

बीमा (Insurance) का उद्देश्य है कठिन समय में आर्थिक सुरक्षा देना, लेकिन अक्सर बीमा कंपनियाँ अलग-अलग कारणों से क्लेम को Delay, Short Settle या Reject कर देती हैं।
ऐसी स्थिति में बीमाधारक या उसके परिजन अपने सही हक़ से वंचित रह जाते हैं।

Easy Claim The Legal Consultant आपके Health, General और Term Insurance Claims को सफलतापूर्वक दिलाने में विशेषज्ञ है।


⚠️ बीमा क्लेम रिजेक्शन या देरी के आम कारण

  • बीमा कंपनी द्वारा Policy Terms & Conditions का गलत हवाला

  • Claim Form या Required Documents में त्रुटियाँ

  • Hospital/Doctor Reports में अस्पष्टता

  • Policy Lapse या Premium Delay से जुड़ी तकनीकी समस्याएँ

  • Pre-Existing Disease या Health History का विवाद

  • Accident/Death Claim में FIR या Post-Mortem Report की कमी

  • Nominee Details अधूरी या गलत होना


🏥 बीमा क्लेम के प्रकार

  1. Health Insurance Claims

    • Cashless Claim अस्वीकृत

    • Reimbursement Claim Delay

    • Short Settlement (कम राशि का भुगतान)

    • Pre-Existing Disease से जुड़ी आपत्तियाँ

  2. General Insurance Claims

    • Motor Insurance (Accident Claim / Vehicle Damage Claim)

    • Travel Insurance (Flight Delay, Baggage Loss)

    • Fire, Theft या Property Insurance

    • Hospitalization & Group Insurance Disputes

  3. Term Insurance Claims

    • Death Claim में देरी या अस्वीकृति

    • Nominee Verification की समस्याएँ

    • Suicide/Accidental Death में Policy Clause विवाद

    • Loan या Bank-Tied Policies में Settlement Issues


🔎 Easy Claim कैसे मदद करता है?

  1. Case Study & Document Review – आपके Insurance Policy और Rejection Letter का गहन अध्ययन

  2. Legal & Technical Representation – बीमा कंपनी से सीधे संवाद एवं आवश्यक कानूनी कदम

  3. Claim Rectification – अधूरे/गलत दस्तावेज़ों को सुधारना और Claim Process को मजबूत बनाना

  4. Negotiation & Dispute Resolution – बीमा कंपनी से आपके पक्ष में Settlement करवाना

  5. Legal Remedies – IRDAI, Ombudsman या Consumer Forum के माध्यम से समाधान


✅ Easy Claim की विशेषताएँ

  • Health, General और Term Insurance में 15+ वर्षों का अनुभव

  • हजारों ग्राहकों के Reject/Delay Claims को सफल Settlement दिलाया

  • Transparent Process — No Work, No Pay

  • Legal + Financial Expertise का अनोखा संयोजन

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध


👉 संक्षेप में:
यदि आपका Health, General या Term Insurance Claim बार-बार Delay हो रहा है, Short Settlement दिया गया है या पूरी तरह Reject हो गया है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी ओर से Insurance Company से लड़कर आपका सही हक़ दिलाने में मदद करता है।


🏦 5. Paytm, PhonePe, Policy Bazaar एवं बैंकों के Group Insurance क्लेम

आजकल कई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और बैंक अपने ग्राहकों को ग्रुप इंश्योरेंस योजनाएं उपलब्ध कराते हैं।
जैसे — Paytm, PhonePe, Google Pay, Policy Bazaar, Amazon Pay, Axis Bank, HDFC Bank, SBI, ICICI आदि।
इन योजनाओं का प्रीमियम अक्सर बहुत कम होता है और लोग इन्हें जानकारी के अभाव में नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

लेकिन जब दावा (Claim) करने का समय आता है, तो कई तरह की तकनीकी व कानूनी दिक्कतें सामने आती हैं।


⚠️ Group Insurance Claim में आने वाली समस्याएँ

  • Policy Activation या Premium Payment की गलतियाँ

  • Nominee Registration न होना या अधूरा होना

  • Claim Form में जानकारी की कमी

  • Accident/Death Documents की कमी (FIR, Post-Mortem, Medical Reports)

  • Digital Platforms या Banks द्वारा जानकारी न देना

  • Claim Process में लंबी देरी या अस्वीकृति


📋 Group Insurance Coverage

  1. Accidental Insurance – दुर्घटना से मृत्यु या स्थायी विकलांगता

  2. Life/Term Cover – अप्रत्याशित मृत्यु पर आर्थिक सहायता

  3. Health Insurance (Group Policies) – बीमारी या अस्पताल खर्चों की भरपाई

  4. Loan-Linked Insurance – बैंक/लोन से जुड़ा हुआ बीमा कवर


🔎 Easy Claim कैसे मदद करता है?

  1. Policy Verification – डिजिटल व बैंक रिकॉर्ड से आपकी Policy Details की पुष्टि

  2. Document Collection & Correction – अधूरे या गलत दस्तावेज़ों को ठीक करवाना

  3. Claim Submission & Follow-up – Insurance Company, Digital Platform और Bank से नियमित संवाद

  4. Dispute Resolution – अगर क्लेम अस्वीकृत हो तो कानूनी विकल्प (IRDAI, Ombudsman, Consumer Forum) अपनाना

  5. Nominee Assistance – परिवारजनों को Claim Settlement तक सहयोग देना


✅ Easy Claim की विशेषताएँ

  • Paytm, PhonePe, Policy Bazaar और Banking Group Insurance Claims में विशेष अनुभव

  • हजारों परिवारों को Digital Platforms से जुड़े Accident & Death Claims सफलतापूर्वक दिलवाए

  • Transparent Process – No Work, No Pay नीति

  • पूरी तरह गोपनीय और पारदर्शी सहायता

  • भारत के हर हिस्से में सेवा उपलब्ध


👉 निष्कर्ष:
Paytm, PhonePe, Policy Bazaar या बैंक के Group Insurance Claims में यदि आपका दावा रुका हुआ है, अस्वीकृत हो गया है या दस्तावेज़ की समस्या के कारण लंबित है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी ओर से प्रक्रिया को तेज़ और आसान बनाकर आपका हक दिलाता है।


⚰️ 6. दुर्घटना और प्राकृतिक मृत्यु क्लेम (Accidental & Natural Death Claim)

जब परिवार का कोई सदस्य अचानक दुर्घटना (Accident) या प्राकृतिक कारणों (Natural Death) से दुनिया छोड़ देता है, तो परिजनों को न केवल भावनात्मक आघात झेलना पड़ता है बल्कि आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) या अन्य निवेश से मिलने वाला क्लेम परिवार की बड़ी मदद साबित हो सकता है।

लेकिन अक्सर कंपनियाँ या संस्थान तकनीकी कारणों, दस्तावेज़ी कमी या शर्तों का हवाला देकर क्लेम को अस्वीकृत कर देते हैं।

Easy Claim The Legal Consultant आपके परिवार की ओर से पूरा सहयोग करता है ताकि आप अपने Accidental या Natural Death Insurance Claim को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकें।


⚠️ Death Claim में आम समस्याएँ

  • Nominee का नाम Policy Records में गलत या अधूरा होना

  • FIR, Post-Mortem Report, Hospital Records की कमी

  • Death Certificate और Insurance Documents में जानकारी का अंतर

  • Policy Clause (जैसे Suicide, Drunken Driving आदि) का विवाद

  • Accidental Death को Natural Death की तरह दिखाकर Claim Reject करना

  • Delay in Claim Filing (समय सीमा निकल जाना)


📋 Death Claim के प्रकार

  1. Accidental Death Claim

    • Road Accident

    • Workplace Accident

    • Train/Flight Accident

    • Accidental Disability या Permanent Disability Cover

  2. Natural Death Claim

    • Heart Attack, Stroke जैसी अचानक मृत्यु

    • Chronic Disease से मृत्यु

    • Old Age (Natural Causes)


🔎 Easy Claim कैसे मदद करता है?

  1. Case Analysis – मृत्यु की परिस्थिति और Insurance Policy Terms का गहन अध्ययन

  2. Document Assistance – Death Certificate, FIR, Medical Records, Nominee Proof आदि दस्तावेज़ पूरे करवाना

  3. Claim Filing & Follow-up – Insurance Company से नियमित संवाद और क्लेम प्रक्रिया को तेज़ करवाना

  4. Dispute Handling – यदि बीमा कंपनी क्लेम को अस्वीकार करे तो Ombudsman, IRDAI या Consumer Forum में कानूनी कार्यवाही करना

  5. Nominee Support – परिवारजनों को पूरी प्रक्रिया में मानसिक और कानूनी सहयोग प्रदान करना


✅ Easy Claim की विशेषताएँ

  • Accident & Natural Death Insurance Claims में 15+ वर्षों का अनुभव

  • हजारों परिवारों को उनके Reject/Delay Claims में सफलता दिलाई

  • Transparent Process — No Work, No Pay

  • Legal + Financial Expertise का अनोखा संयोजन

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध


👉 संक्षेप में:
यदि आपके परिवार का कोई सदस्य Accident या Natural Death का शिकार हुआ है और बीमा कंपनी ने क्लेम को Delay या Reject कर दिया है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपके साथ खड़ा होकर आपका हक दिलाने का काम करता है।


⚰️ 7. Accidental और Natural Death Policy Claims

बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है – अचानक मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक सुरक्षा देना।
चाहे वह मृत्यु दुर्घटनावश (Accidental Death) हुई हो या प्राकृतिक कारणों (Natural Death) से, बीमा कंपनी को क्लेम का भुगतान करना होता है।

लेकिन हकीकत में अक्सर कंपनियाँ दस्तावेज़ी कमी, पॉलिसी शर्तों, या तकनीकी कारणों का हवाला देकर क्लेम रोक देती हैं।
ऐसे में परिवार अपने अधिकार से वंचित रह जाता है।

Easy Claim The Legal Consultant आपके Accidental और Natural Death Policy Claims को सफलतापूर्वक प्राप्त कराने में विशेषज्ञ है।


⚠️ Accidental और Natural Death Claims में आम समस्याएँ

  • Nominee का नाम गलत या अधूरा होना

  • Death Certificate, FIR, Post-Mortem या Hospital Records की कमी

  • Claim Filing Delay (समय सीमा निकल जाना)

  • Policy Clauses (जैसे Suicide, Alcohol Influence, Waiting Period आदि) के विवाद

  • बीमा कंपनी द्वारा मृत्यु के कारण पर आपत्ति

  • Loan-Linked या Group Insurance Policies में Claim Settlement Issues


📋 Death Claim के प्रकार

  1. Accidental Death Policy Claims

    • Road Accident

    • Train / Flight Accident

    • Workplace Accident

    • Accidental Permanent Disability Cover

  2. Natural Death Policy Claims

    • Heart Attack, Stroke जैसी अचानक मृत्यु

    • Serious Illness (Chronic Disease) से मृत्यु

    • वृद्धावस्था (Old Age / Natural Causes)


🔎 Easy Claim कैसे मदद करता है?

  1. Policy Review & Claim Analysis – पॉलिसी शर्तों और केस का गहन अध्ययन

  2. Document Assistance – FIR, Post-Mortem, Medical Records, Death Certificate व Nominee Proof तैयार करवाना

  3. Insurance Company Coordination – सीधे कंपनी से संवाद और Claim Process को तेज़ करना

  4. Dispute Resolution – Reject या Delay Claim के लिए IRDAI, Ombudsman या Consumer Forum में कानूनी कार्रवाई

  5. Nominee Support – परिवार को Claim Settlement तक पूर्ण सहयोग देना


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • 15+ वर्षों का अनुभव Accidental और Natural Death Claims में

  • हजारों परिवारों के Reject / Delay Claims सफलतापूर्वक दिलवाए

  • Transparent Policy – No Work, No Pay

  • Legal + Financial Expertise का भरोसा

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध


👉 निष्कर्ष:
यदि आपका Accidental या Natural Death Policy Claim रुका हुआ है, Reject हुआ है या दस्तावेज़ी समस्या के कारण Delay हो रहा है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी ओर से पूरा सहयोग करके आपके परिवार को सही हक़ दिलाता है।


🏛️ 8. एलआईसी और पोस्ट ऑफिस क्लेम्स (LIC & Post Office Claims)

भारत में करोड़ों लोग अपनी बचत और सुरक्षा के लिए LIC (Life Insurance Corporation of India) और पोस्ट ऑफिस योजनाओं में निवेश करते हैं।
लेकिन जब क्लेम (Claim) करने का समय आता है, तो कई बार दस्तावेज़ी कमी, तकनीकी खामियों या प्रक्रिया की जटिलता के कारण लोगों को उनका हक़ समय पर नहीं मिल पाता।

Easy Claim The Legal Consultant इन समस्याओं का समाधान करके आपके LIC और Post Office Investment Claims को सफलतापूर्वक दिलाने में विशेषज्ञ है।


⚠️ LIC और Post Office Claims में आम समस्याएँ

  • Policy / Scheme Documents का खो जाना

  • Nominee Details गलत या अधूरी होना

  • Death Claim में FIR, Medical Records या Death Certificate की कमी

  • Premium Payment / Maturity Proof में त्रुटियाँ

  • Short Settlement या Claim Rejection

  • Old Records (1970 से अब तक) को Trace करने में कठिनाई

  • Transfer / Address Change / Name Mismatch की समस्या


📋 शामिल सेवाएँ

  1. LIC Claims

    • Death Claim (Natural / Accidental)

    • Short Settlement Cases

    • Rejected Claims की पुनः जाँच

    • Maturity / Survival Benefit Settlement

    • Group Insurance Claims

  2. Post Office Claims

    • National Savings Certificate (NSC)

    • Kisan Vikas Patra (KVP)

    • Recurring Deposit (RD)

    • Monthly Income Scheme (MIS)

    • Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)

    • Time Deposit / Fixed Deposit Accounts

    • Postal Life Insurance (PLI / RPLI)


🔎 Easy Claim कैसे मदद करता है?

  1. Document Verification & Rectification – अधूरे या गलत दस्तावेज़ सुधारना

  2. Nominee Assistance – परिवार को Death Claim Settlement तक सहयोग देना

  3. Old Records Tracing – पुराने निवेश / पॉलिसी खोज निकालना

  4. Claim Filing & Follow-Up – LIC / Post Office से सीधे संवाद और प्रक्रिया को तेज़ करना

  5. Dispute Resolution – Rejected या Delay Cases में कानूनी उपाय (IRDAI, Ombudsman, Consumer Forum)


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • LIC और Post Office Claims में 15+ वर्षों का अनुभव

  • पुराने, अधूरे या खोए हुए दस्तावेज़ों से भी सफल रिकवरी

  • हजारों ग्राहकों को रुके हुए निवेश वापस दिलाने में सफलता

  • Transparent Policy – No Work, No Pay

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध


👉 निष्कर्ष:
यदि आपका LIC Claim रुका हुआ है या आपका Post Office Investment (NSC, KVP, RD आदि) अटका हुआ है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपके लिए पूरे प्रोसेस को आसान बनाकर आपका हक़ दिलाता है।


📑 9. LIC के रिजेक्टेड / शॉर्ट सेटलमेंट मामले

Life Insurance Corporation (LIC) देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जहाँ लाखों लोग जीवन बीमा पॉलिसी लेकर अपनी और परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। लेकिन कई बार क्लेम करने के समय, ग्राहकों को Claim Rejection (रिजेक्टेड क्लेम) या Short Settlement (कम भुगतान) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Easy Claim The Legal Consultant आपके ऐसे मामलों में विशेषज्ञ सहायता प्रदान करता है।


⚠️ रिजेक्टेड और शॉर्ट सेटलमेंट के सामान्य कारण

  1. पॉलिसी दस्तावेज़ों में नाम, हस्ताक्षर या जन्मतिथि की त्रुटि

  2. Premium का Late Payment या Non-Payment Record

  3. मेडिकल जानकारी छुपाने के आरोप (Non-disclosure of Medical History)

  4. Claim Form में अपूर्ण या गलत जानकारी

  5. Nominee Details अधूरी या गलत होना

  6. Accident / Death Cases में FIR, PM Report या Hospital Records की कमी

  7. LIC द्वारा Technical या Legal Grounds पर Claim Denial

  8. Claim Amount का केवल आंशिक भुगतान (Short Settlement)


📋 हमारी सहायता सेवाएँ

  • Claim File Review – रिजेक्शन / शॉर्ट सेटलमेंट के असली कारणों की जाँच

  • Document Rectification – अधूरे या गलत दस्तावेज़ सुधारना

  • Fresh Claim Filing / Re-submission – सही प्रक्रिया से क्लेम दोबारा दाखिल करना

  • Legal Representation – IRDAI, Ombudsman और Consumer Forum में मामला प्रस्तुत करना

  • Negotiation & Settlement – LIC से सही Claim Amount दिलाने के लिए फॉलो-अप करना


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • 15+ वर्षों का अनुभव बीमा क्लेम विवादों में

  • हजारों रिजेक्टेड / शॉर्ट सेटलमेंट मामलों का सफल निपटारा

  • Transparent Process – No Work, No Fees

  • पूरे भारत में सेवाएं उपलब्ध


👉 निष्कर्ष:
यदि आपका LIC Claim गलत कारणों से रिजेक्ट कर दिया गया है या आपको Short Settlement मिला है, तो चिंता न करें। Easy Claim The Legal Consultant आपके केस की बारीकी से समीक्षा करके और उचित कानूनी कदम उठाकर आपको आपका पूरा हक़ दिलाने में मदद करता है।


💰 10. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्लेम

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय निवेश साधनों में से एक है। बैंक, एनबीएफसी (NBFC) और कॉर्पोरेट कंपनियां निवेशकों को गारंटीड ब्याज और मूलधन सुरक्षा का वादा करती हैं। लेकिन कई बार निवेशक या उनके परिवारजनों को FD का क्लेम लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर तब जब निवेशक का निधन हो गया हो, FD सर्टिफिकेट गुम हो गए हों या बैंक ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया हो।

Easy Claim The Legal Consultant ऐसे मामलों में विशेषज्ञता से सहायता प्रदान करता है।


⚠️ आम समस्याएँ

  1. मृतक निवेशक के FD क्लेम – Nominee या Legal Heir को Claim Process समझने में कठिनाई।

  2. Nominee का नाम दर्ज न होना या गलत दर्ज होना।

  3. FD रसीद (Receipt) गुम हो जाना या डुप्लीकेट की आवश्यकता।

  4. Mismatch – नाम, हस्ताक्षर, जन्मतिथि या पते में अंतर।

  5. कंपनी/NBFC बंद हो जाना और निवेशकों का पैसा अटक जाना।

  6. बैंक द्वारा रिजेक्शन या शॉर्ट सेटलमेंट

  7. लंबे समय से Unclaimed या Dormant FD

  8. Court Order या Succession Certificate की आवश्यकता।


📋 हमारी सेवाएँ

  • FD ट्रेसिंग (Tracing & Discovery): पुराने, भूले-बिसरे और अनक्लेम्ड FD ढूँढना।

  • Nominee / Legal Heir Assistance: उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, Death Certificate, NOC आदि की मदद।

  • Duplicate FD Issuance: खोए हुए FD प्रमाणपत्र का डुप्लीकेट जारी करवाना।

  • Dispute Resolution: रिजेक्टेड या रुके हुए क्लेम का समाधान।

  • NBFC / Corporate FD Recovery: कंपनियों या NBFC द्वारा न चुकाए गए FD क्लेम्स की वसूली।

  • IEPF Claim Assistance: लंबे समय से अनक्लेम्ड FD जो IEPF (Investor Education & Protection Fund) में ट्रांसफर हो गए हों।


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • बैंकिंग और फाइनेंशियल क्लेम्स में 15+ साल का अनुभव।

  • हजारों सफल FD क्लेम निपटाए।

  • Transparent Process और Personalized Legal Guidance।

  • No Advance Fees – No Work, No Pay Policy

  • पूरे भारत में सेवा उपलब्ध।


👉 निष्कर्ष:
यदि आपकी या आपके परिवार की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि अटकी हुई है, बैंक/कंपनी भुगतान करने से मना कर रही है, या डॉक्यूमेंटेशन में समस्या है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी पूरी मदद करेगा। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपका जमा हुआ धन बिना किसी जटिलता के आपको वापस मिले।


🏦 11. बैंक और कॉरपोरेट FD क्लेम (खोए दस्तावेज़ या अनसेटल्ड केस)

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेशकों के लिए सुरक्षित साधन माना जाता है, लेकिन कई बार बैंक या कॉरपोरेट कंपनियों की FD राशि दस्तावेज़ों के गुम हो जाने या संस्थान द्वारा भुगतान न करने के कारण फंस जाती है। ऐसे मामलों में निवेशक और उनके परिवार को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

Easy Claim The Legal Consultant ऐसे मामलों में कानूनी और प्रोफेशनल सहायता प्रदान करता है।


⚠️ आम चुनौतियाँ

  1. FD प्रमाणपत्र गुम होना – क्लेम के लिए आवश्यक मूल दस्तावेज़ न होना।

  2. Nominee/Legal Heir का नाम न होना या गलत होना।

  3. Mismatch – नाम, हस्ताक्षर या KYC में त्रुटि।

  4. बैंक/कंपनी द्वारा शॉर्ट सेटलमेंट या रिजेक्शन।

  5. कॉरपोरेट FD (NBFC/Private Company) का समय पर भुगतान न होना।

  6. कंपनी का NCLT (Insolvency) या Liquidation Process में जाना।

  7. Unclaimed FD जो वर्षों से Dormant हैं और IEPF में ट्रांसफर हो गए हैं।


📋 हमारी सेवाएँ

  • Duplicate FD Document Assistance – खोए हुए FD रसीद या सर्टिफिकेट का डुप्लीकेट निकलवाना।

  • Nominee/Heir Claim Support – Death Certificate, Succession Certificate, Legal Heirship Proof में सहायता।

  • Bank & Corporate Dispute Resolution – रिजेक्टेड या अनसेटल्ड क्लेम का समाधान।

  • Corporate FD Recovery – कंपनियों या NBFC में अटकी FD राशि की वसूली।

  • Court/Tribunal Assistance – NCLT, Consumer Forum या अन्य कानूनी रास्तों से रिकवरी।

  • IEPF Recovery – लंबे समय से पेंडिंग FD जो IEPF में ट्रांसफर हो चुके हैं।


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • बैंक और कॉरपोरेट FD क्लेम्स में 15+ वर्षों का अनुभव।

  • डॉक्यूमेंटेशन से लेकर कानूनी समाधान तक वन-स्टॉप सर्विस।

  • No Advance Fees – No Work, No Pay Policy

  • पूरे भारत में उपलब्ध क्लेम रिकवरी सेवाएँ।


👉 निष्कर्ष:
यदि आपकी बैंक या कॉरपोरेट FD राशि खोए हुए दस्तावेज़ों, गलत डॉक्यूमेंटेशन या कंपनी द्वारा भुगतान न करने की वजह से अटकी हुई है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी मदद करके सुनिश्चित करता है कि आपका निवेश आपको सुरक्षित रूप से वापस मिले।


👥 12. नामिनी क्लेम सेवाएँ (Nominee Claim Services)

किसी भी निवेश, बीमा पॉलिसी, फिक्स्ड डिपॉज़िट या पोस्ट ऑफिस स्कीम में Nominee का नाम दर्ज होना भविष्य में क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाता है। लेकिन कई बार दस्तावेज़ों में नामिनी की जानकारी सही तरीके से दर्ज नहीं होती, या निवेशक के निधन के बाद कानूनी वारिसों को क्लेम करने में कठिनाई आती है।

Easy Claim The Legal Consultant ऐसे मामलों में विशेषज्ञ सहायता प्रदान करता है।


⚠️ आम समस्याएँ

  1. Nominee Details न होना – निवेश/पॉलिसी में नामिनी दर्ज न किया जाना।

  2. गलत या अधूरी जानकारी – Nominee का नाम, जन्मतिथि, या रिलेशन गलत होना।

  3. Multiple Legal Heirs – एक से अधिक वारिस होने पर विवाद।

  4. Nominee Minor होना – नाबालिग नामिनी होने पर Guardian की आवश्यकता।

  5. Nominee Deceased – नामिनी की मृत्यु होने पर क्लेम अटक जाना।

  6. Documentation Issues – Death Certificate, KYC, Legal Heir Certificate की कमी।


📋 हमारी सेवाएँ

  • Nominee Verification – निवेश/पॉलिसी में दर्ज Nominee की स्थिति और वैधता की जाँच।

  • Documentation Assistance – Death Certificate, Succession Certificate, Affidavit, NOC तैयार करवाने में सहयोग।

  • Legal Heir Claim Support – नामिनी न होने पर वारिसों को क्लेम दिलवाने की प्रक्रिया।

  • Dispute Resolution – Multiple Heirs या Family Dispute के मामलों में कानूनी समाधान।

  • Court/Tribunal Representation – आवश्यक होने पर अदालत या उपभोक्ता फोरम में प्रतिनिधित्व।

  • Insurance, FD, Mutual Fund, PF, Post Office, IEPF सभी निवेशों में Nominee/Heir क्लेम सहायता।


✅ Easy Claim क्यों चुनें?

  • 15+ वर्षों का अनुभव Nominee/Legal Heir क्लेम मामलों में।

  • पारदर्शी प्रक्रिया और No Advance Fees नीति।

  • हर प्रकार के निवेश और बीमा क्लेम में विशेषज्ञता।

  • देशभर में सेवा उपलब्ध।


👉 निष्कर्ष:
यदि आपके निवेश या बीमा पॉलिसी में Nominee से जुड़े विवाद या डॉक्यूमेंटेशन की समस्या है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी मदद करके सुनिश्चित करता है कि सही व्यक्ति को समय पर क्लेम राशि प्राप्त हो।


📑 13. GPF, NPS, PPF आदि नामिनी क्लेम समाधान

Government Provident Fund (GPF), National Pension Scheme (NPS), Public Provident Fund (PPF) जैसे निवेश कर्मचारियों और आम निवेशकों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा का साधन हैं। लेकिन अक्सर निवेशक के निधन के बाद इन योजनाओं का क्लेम Nominee या Legal Heirs तक पहुँचने में कठिनाई आती है।

Easy Claim The Legal Consultant ऐसे मामलों में पूरी कानूनी और डॉक्यूमेंटेशन सहायता प्रदान करता है।


⚠️ आम समस्याएँ

  1. Nominee दर्ज न होना या गलत दर्ज होना

  2. Nominee Deceased (नामिनी की मृत्यु हो जाना)

  3. Multiple Legal Heirs / Family Disputes

  4. Incomplete Documentation (Death Certificate, Service Records, KYC आदि की कमी)

  5. Employer/Departmental Delay – सरकारी विभाग या बैंक में लंबित फाइलें।

  6. Court Orders की आवश्यकता – Succession Certificate / Legal Heir Certificate के बिना क्लेम अटकना।


📋 हमारी सेवाएँ

  • Nominee Details Verification – पॉलिसी/खाते में दर्ज नामिनी और वारिसों की जाँच।

  • Documentation Support – Death Certificate, Affidavit, Succession Certificate, NOC आदि की प्रक्रिया।

  • Claim Application Filing – GPF, NPS, PPF क्लेम के लिए संबंधित संस्था/विभाग में आवेदन।

  • Dispute Resolution – एक से अधिक वारिस या पारिवारिक विवाद के मामलों में कानूनी समाधान।

  • Court Representation – आवश्यकता पड़ने पर उत्तराधिकार प्रमाणपत्र और अन्य न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग।

  • End-to-End Assistance – क्लेम की पूरी प्रक्रिया तब तक जब तक राशि Beneficiary को प्राप्त न हो जाए।


✅ Easy Claim क्यों?

  • 15+ वर्षों का अनुभव Provident Fund और Pension Claims मामलों में।

  • कानूनी विशेषज्ञता और पारदर्शी कार्यप्रणाली।

  • No Work – No Pay और No Advance Fees की नीति।

  • देशभर के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के क्लेम में विशेषज्ञ सहायता।


👉 निष्कर्ष:
यदि आपके GPF, NPS, PPF या अन्य Provident Fund/Pension स्कीम्स से जुड़ा Nominee या Legal Heir Claim अटका हुआ है, तो Easy Claim The Legal Consultant आपकी मदद करके उसे शीघ्र और सही तरीके से निपटाने में सहयोग करता है।


📊 14. डीमैट व फिजिकल शेयर सेवाएँ (Demat & Physical Share Services)

कई निवेशकों के पास अभी भी पुराने फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स (कागज़ी स्वरूप में) या ग़लत विवरण वाले डीमैट खाते मौजूद हैं। समय के साथ इनमें कई समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे – नाम/हस्ताक्षर की ग़लतियाँ, पता बदलना, दस्तावेज़ खो जाना, या ट्रांसफर प्रक्रिया लंबित रह जाना।

Easy Claim The Legal Consultant आपके फिजिकल और डीमैट शेयरों से जुड़े हर प्रकार के विवाद और क्लेम को सुलझाने में विशेषज्ञ है।


⚠️ आम समस्याएँ

  1. फिजिकल शेयरों का डीमैट में कन्वर्ज़न न होना

  2. गलत नाम, हस्ताक्षर, या पता शेयर सर्टिफिकेट/डीमैट खाते में दर्ज होना।

  3. Lost / Torn Share Certificates – शेयर सर्टिफिकेट खो जाना या खराब हो जाना।

  4. Joint Holder Issues – सह-निवेशक (Joint Holder) की मृत्यु या नाम दर्ज न होना।

  5. Transmission / Transfer Delays – वारिसों को शेयर ट्रांसफर न होना।

  6. IEPF Transfer – निष्क्रियता के कारण शेयर IEPF में ट्रांसफर हो जाना।


📋 हमारी सेवाएँ

  • Physical to Demat Conversion – पुराने फिजिकल शेयरों को डीमैट खाते में बदलवाना।

  • Correction of Errors – नाम, हस्ताक्षर, पता, या अन्य त्रुटियों को दुरुस्त करवाना।

  • Duplicate Certificate Issue – गुम या कटे-फटे शेयर सर्टिफिकेट्स का डुप्लीकेट निकलवाना।

  • Transmission & Transfer Assistance – वारिसों/नामिनी को शेयर ट्रांसफर कराने में सहयोग।

  • IEPF Recovery Support – IEPF में ट्रांसफर हुए शेयरों और डिविडेंड की रिकवरी।

  • End-to-End Legal Assistance – क्लेम से जुड़ी सभी कानूनी और डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया।


✅ Easy Claim क्यों?

  • 15+ वर्षों का अनुभव शेयर और सिक्योरिटी रिकवरी में।

  • विशेषज्ञता: फिजिकल शेयर, डीमैट खाते और IEPF क्लेम्स में।

  • No Advance Fees और No Work – No Pay की नीति।

  • देशभर में सेवा उपलब्ध।


👉 निष्कर्ष:
चाहे आपके पास फिजिकल शेयर हों, डीमैट खाते में त्रुटियाँ हों, या IEPF में ट्रांसफर हो चुके निवेश, Easy Claim The Legal Consultant सुनिश्चित करता है कि आपका निवेश सुरक्षित रूप से वापस मिले और सही मालिक तक पहुँचे।


📝 15. नाम, हस्ताक्षर, पता आदि त्रुटियों का सुधार एवं डीमैट/ट्रांसफर सेवाएँ

कई बार शेयर सर्टिफिकेट या डीमैट खाते में दर्ज विवरण गलत या अधूरा होता है। ये छोटी-सी त्रुटियाँ आगे चलकर बड़े विवाद और क्लेम रिजेक्शन का कारण बनती हैं। जैसे – नाम की स्पेलिंग में अंतर, पुराने हस्ताक्षर और नए हस्ताक्षर का मिलान न होना, पता बदल जाना, या KYC से संबंधित ग़लतियाँ।

Easy Claim The Legal Consultant ऐसे सभी मामलों में आपकी पूरी मदद करता है ताकि आपके शेयर सुरक्षित रूप से आपके नाम पर दर्ज हों और बिना रुकावट डीमैट/ट्रांसफर हो सकें।


⚠️ आम समस्याएँ

  1. नाम की त्रुटियाँ – स्पेलिंग गलती, शादी/तलाक के बाद नाम बदलना, या गलत इनिशियल्स।

  2. हस्ताक्षर का मिसमैच – पुराने दस्तावेज़ पर किए हस्ताक्षर और वर्तमान हस्ताक्षर अलग होना।

  3. पते में गलती या बदलाव – गलत/पुराना पता दर्ज होने से क्लेम या संचार बाधित होना।

  4. DOB / KYC Errors – जन्मतिथि या KYC दस्तावेज़ों में असमानता।

  5. Transfer/Transmission Issues – वारिसों या खरीदार को शेयर ट्रांसफर न होना।


📋 हमारी सेवाएँ

  • नाम सुधार (Name Rectification) – शादी, टाइपो या कानूनी बदलाव के अनुसार नाम दुरुस्ती।

  • हस्ताक्षर मिलान (Signature Mismatch Resolution) – बैंक/नोटरीकृत प्रमाण और Affidavit के माध्यम से सही करवाना।

  • पता अपडेट (Address Update) – वर्तमान पते के अनुसार सभी रिकॉर्ड्स संशोधित करवाना।

  • DOB/KYC Correction – गलत जन्मतिथि, पैन/आधार विवरण आदि सुधार करवाना।

  • Demat Conversion – फिजिकल शेयरों को डीमैट खाते में कन्वर्ट करना।

  • Share Transfer & Transmission – खरीदार/नामिनी/कानूनी वारिस को शेयर ट्रांसफर कराना।

  • IEPF Avoidance/Recovery – त्रुटियों के कारण IEPF में जाने से बचाव और रिकवरी।


✅ Easy Claim क्यों?

  • 15+ वर्षों का अनुभव शेयर सुधार और रिकवरी मामलों में।

  • कानूनी और डॉक्यूमेंटेशन दोनों स्तर पर विशेषज्ञता।

  • No Work – No Pay एवं No Advance Fees नीति।

  • देशभर के निवेशकों को सेवा उपलब्ध।


👉 निष्कर्ष:
नाम, हस्ताक्षर, पता या अन्य त्रुटियाँ छोटी लग सकती हैं, लेकिन यही गलतियाँ आपके लाखों रुपये के निवेश को अटका सकती हैं। Easy Claim The Legal Consultant आपके शेयरों को सही विवरण के साथ सुरक्षित रूप से डीमैट और ट्रांसफर कराने में संपूर्ण समाधान प्रदान करता है।



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Disclaimer (अस्वीकरण)

Easy Claim The Legal Consultant केवल एक सलाहकार एवं परामर्श सेवा प्रदाता है। हम किसी भी बैंक, बीमा कंपनी, एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC), कॉरपोरेट, पोस्ट ऑफिस, सरकारी विभाग अथवा अन्य वित्तीय संस्थान के अधिकृत प्रतिनिधि या एजेंट नहीं हैं।

हम ग्राहकों को उनके अटके हुए निवेश, बीमा दावे, शेयर/डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, IEPF क्लेम एवं अन्य वित्तीय मामलों में प्रक्रिया संबंधी मार्गदर्शन और कानूनी परामर्श प्रदान करते हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. स्वतंत्र सेवा प्रदाता – Easy Claim The Legal Consultant किसी भी संस्था से प्रत्यक्ष रूप से संबद्ध नहीं है।

  2. क्लेम का अंतिम निर्णय – किसी भी निवेश या बीमा क्लेम की स्वीकृति/अस्वीकृति का अंतिम अधिकार संबंधित बैंक, बीमा कंपनी, AMC, पोस्ट ऑफिस या सरकारी संस्था का होता है।

  3. परिणाम की गारंटी नहीं – हम केवल दस्तावेज़ी सहायता, प्रक्रिया मार्गदर्शन और कानूनी सलाह देते हैं। क्लेम का परिणाम संस्था की नीतियों एवं कानूनी नियमों पर निर्भर करता है।

  4. कानूनी सीमा – हमारी सेवाएं लागू कानूनों, नियामक प्राधिकरणों (RBI, IRDAI, SEBI, PFRDA, IEPF Authority इत्यादि) और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में दी जाती हैं।

  5. ग्राहक की जिम्मेदारी – क्लेम प्रक्रिया हेतु आवश्यक दस्तावेज़, सत्यापन एवं सही जानकारी उपलब्ध कराना ग्राहक की स्वयं की जिम्मेदारी है।

  6. गोपनीयता – हम आपके द्वारा साझा की गई जानकारी को गोपनीय रखते हैं और केवल क्लेम प्रक्रिया के लिए प्रयोग करते हैं।

निष्कर्ष:

Easy Claim The Legal Consultant का उद्देश्य ग्राहकों को उनके वित्तीय अधिकार दिलाने में सहायता करना है। हम पूरी पारदर्शिता, नैतिकता और कानूनी ढांचे का पालन करते हैं। कृपया ध्यान दें कि हमारा कार्य केवल मार्गदर्शन एवं सहायता प्रदान करना है, न कि क्लेम की गारंटी देना।



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